'हंसी मुद्रा' जैसा की इसके नाम से ही पता चलता है कि यह कैसी मुद्रा होगी। सोचने और त्वरित निर्णय की क्षमता बढ़ाने में यह मुद्रा लाभदायक मानी गई है। मस्तिष्क के विकास में यह मुद्रा सहायक है। इसे हरिध्यान मुद्रा योग भी कहते हैं।
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हंसी मुद्रा योग से पाएं सोचने की शक्ति
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योग : नभोमुद्रा
नभ का अर्थ होता है 'आकाश'। इस मुद्रा में जीभ को तालु की ओर लगाते हैं, इसीलिए इसे नभोमुद्रा कहते हैं। नभोमुद्रा करना सरल नहीं है। इसे किसी योग शिक्षक से सीखकर ही करना चाहिए। यह मुद्रा बहुत से रोगों में लाभदायक सिद्ध हुई है।
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पांच प्रमुख योग मुद्रा
मुख, नाक, आंख, कान और मस्तिष्क को पूर्णत: स्वस्थ्य तथा ताकतवर बनाने के लिए हठ योग में पांच प्रमुख मुद्राओं का वर्णण मिलता है। सामान्यजनों को निम्नलिखित मुद्राओं का अभ्यास किसी जानकार योग शिक्षक से सीखकर ही करना चाहिए। वैसे यह मुद्राएं सिर्फ साधकों ...
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स्त्रियों के लिए हस्तपात मुद्रा योग
योग अनुसार आसन और प्राणायाम की स्थिति को मुद्रा कहा जाता है। बंध, क्रिया और मुद्रा में आसन और प्राणायाम दोनों का ही कार्य होता है। योग में मुद्राओं को आसन और प्राणायाम से भी बढ़कर माना जाता है।
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व्यान मुद्रा योग के लाभ
हमारे शरीर में पांच तरह की वायु रहती है उसमें से एक का नाम है- व्यान। सारे शरीर में संचार करने वाली व्यान वायु से ही शरीर की सब क्रियाएँ होती है। इसी से सारे शरीर में रस पहुँचता है, पसीना बहता है और खून चलता है, आदमी उठता, बैठता और चलता फिरता है और ...
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स्त्रियों के लिए रज मुद्रा योग
रज मुद्रा केवल स्त्रियों के लिए है ऐसा नहीं, बल्कि अगर पुरुष इस मुद्रा को करते हैं तो उनके वीर्य संबंधी समस्त रोग दूर हो जाते हैं।
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नासिकाग्र दृष्टि मुद्रा योग
नासिकाग्र का अर्थ होता है नाक का आखिरी छोर, ऊपरी हिस्सा या अग्रभाग। इस भाग पर बारी-बारी से संतुलन बनाने हुए देखना ही नाकिकाग्र मुद्रा योग कहलाता है। लेकिन यह मुद्रा करने से पहले योग शिक्षक की सलाह जरूर लें, क्योंकि इसके करने से भृकुटी पर जोर पड़ता ...
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एक शक्तिशाली योग- कुंजल क्रिया
कुंजल क्रिया में पारंगत व्यक्ति के जीवन में कभी भी कोई रोग और शोक नहीं रह जाता। यह क्रिया वास्तव में बहुत ही शक्तिशाली है। पानी से पेट को साफ किए जाने की क्रिया को कुंजल क्रिया कहते हैं। इस क्रिया से पेट व आहार नली साफ हो जाती है। मूलत: यह क्रिया वे ...
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ब्रह्म मुद्रा के लाभ
ब्रह्म का अर्थ होता है विस्तार। ब्रह्म शब्द का उपयोग परमेश्वर के लिए किया जाता है। ब्रह्म मुद्रा को मुद्रा, क्रिया और आसन की श्रेणी में रखा गया है। योग में इसका स्थान बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। पहले हम आसन की बात करें।
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वज्रोली और वायुभक्षण
योग अनुसार वज्रोली तथा वायुभक्षण प्राणायाम भी है और क्रिया भी। दोनों ही प्राणायाम से हम पाचन व यौन संबंधी छोटी-छोटी समस्या से समाधान पा सकते हैं।
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योग मुद्रासन : अकाल हरिमुद्रा योग
'मुदं आनंदं राति लाति इति मुद्रा' इस व्युत्पति के अनुसार, आनंद की प्राप्ति जिससे हो, उसे 'मुद्रा' कहते हैं। यहां प्रस्तुत है सिर दर्द में लाभदायक अकाल हरिमुद्रा।
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हस्त मुद्रा और पांच तत्व
मुद्रा और दूसरे योगासनों के बारे में बताने वाला सबसे पुराना ग्रंथ घेरण्ड संहिता है। हठयोग के इस ग्रंथ को महर्षि घेरण्ड ने लिखा था। घेरंड में 25 और हठयोग प्रदीपिका में 10 मुद्राओं का उल्लेख मिलता है, लेकिन सभी योग के ग्रंथों की मुद्राओं को मिलाकर कुल ...
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आंखों के लिए 'देव ज्योतिमुद्रा योग'
हाथों की 10 अंगुलियों से विशेष प्रकार की आकृतियां बनाना ही हस्त मुद्रा कही गई है। हाथों की सारी अंगुलियों में पांचों तत्व मौजूद होते हैं जैसे अंगूठे में अग्नि तत्व, तर्जनी अंगुली में वायु तत्व, मध्यमा अंगुली में आकाश तत्व, अनामिका अंगुली में पृथ्वी ...
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शरीर को कोमल बनाए सहज हस्त मुद्रा योग
हमारे पूरे शरीर को स्वस्थ बनाएं रखने के लिए पाचन तंत्र का स्वस्थ और मजबूत होना आवश्यक है। पाचन तंत्र सुदृड़ है तो रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ेगी साथ ही आप अच्छा महसूस करेंगे।
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पुष्पांजलि योग मुद्रा
जैसा कि इसका नाम है पुष्पांजलि इसी से यह सिद्ध होता है कि यह मुद्रा किस प्रकार की होगी। यह महत्वपूर्ण हस्त योग मुद्रा है। जैसे दुआ में हाथ उठाते हैं या पुष्प अर्पण करते हैं तब यह मुद्रा बनती है।
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यौवन के लिए मातंगिनी मुद्रा योग क्रिया
मातंग का अर्थ होता है मेघ। मां दुर्गा का एक रूप है मातंगी। यह दस महाविद्या में से नौवीं विद्या है। मातंग नाम से एक ध्यान होता है, मंत्र होता है और एक हाथी का नाम भी मातंग है। ऋषि वशिष्ठ की पत्नी का एक नाम भी मातंगी है। ऋषि कश्यप की पुत्री का नाम भी ...
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पाचन क्रिया के लिए काकी मुद्रा योग
काक कौए को कहते हैं। कौए की चोंच जैसी मुंह की मुद्रा बना लेने को काकी मुद्रा कहा जाता है।
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ऊर्जा चल मुद्रा योग से दूर होगा मोटापा
मोटापा एक समस्या है। इससे पेट, पीठ, कमर और कंधे की समस्या भी बनी रहती है। मोटापे को दूर करने के लिए हम सबसे आसान उपाय बता रहे हैं ऊर्जा चल मुद्रा योग। दरअसल यह अंग संचालन (सूक्ष्म व्यायाम) का हिस्सा है।
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रज हस्त मुद्रा योग, महिलाओं के लिए
रज मुद्रा योग। 'रज' जो स्त्री के मासिक काल में निकलता है- रजस्वला स्त्री। दूसरा रज एक गुण विशेष का नाम है जैसे रजोगुण। तीसरा रज का अर्थ होता है जल। मूलत: रज का संबंध स्त्री से है इसलिए यह मुद्रा (Raj mudra yoga) विशेष तौर पर स्त्रियों के लिए है।
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मृगी मुद्रा योग का लाभ
मृगी मुद्रा। मृग हिरन को कहा जाता है। यज्ञ के दौरान होम की जाने वाली सामग्री को इसी मुद्रा में होम किया जाता है। प्राणायाम किए जाने के दौरान भी इस मुद्रा का उपयोग होता है। ध्यान करते वक्त भी इस मुद्रा का इस्तेमाल किया जाता है। यह मुद्रा बनाते वक्त ...
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